डोंगरगढ़ में नवरात्रि के दौरान अब वो रौनक देखने को नहीं मिलेगी। हर साल महज 9 दिनों में जुटने वाली 15 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ पर भी कोरोना के डर का असर पड़ रहा है। जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर महाराष्ट्र से आने वाले श्रद्धालुओं पर बैन लगा दिया है। राज्य के सीमा वाले इलाकों पर खास नाके बनाए जा रहे हैं। जहां महाराष्ट्र से आने वाली गाड़ियों को लौटाया जाएगा या जरुरी होने पर स्क्रीनिंग के बाद ही राज्य में प्रवेश दिया जाएगा। बार्डर पर चेकिंग मंगलवार से ही शुरू हो चुकी है। देश में सबसे ज्यादा कोरोनावायरस से पीड़ित महाराष्ट्र राज्य में ही पाए गए हैं। यह पहला मौका है जब डोंगरगढ़ के मशहूर नवरात्र मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा।
राजधानी रायपुर के महामाया मंदिर में नवरात्र के दौरान अगरबत्ती जलाने पर पाबंदी लगा दी गई है। मंदिर प्रबंधन ने इसके पीछे दलील दी है कि अगरबत्ती की वजह से कई लोगों को खांसी आती है, इस वजह से फिलहाल अगरबत्ती जलाने पर रोक है। राजनांदगांव जिला प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे स्टेशन और अन्य जगहों पर स्वास्थ्य जांच के बाद ही मंदिर में लोगों को प्रवेश दिया जाएगा। बिना मास्क के यहां कोई भी श्रध्दालू मंदिर में माता के दर्शन नहीं कर सकेगा। इसके लिए जन सहयोग से व प्रशासन अपने स्तर पर मास्क और सैनेटाइजर का इंतेजाम कर रहा है। डोंगरगढ़ पहुंचने वाले हर रूट पर कड़ी निगरानी होगी। इसके अलावा मेले के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेनें और एक्सप्रेस ट्रेनों के अस्थाई स्टापेज को भी रद्द किया जा रहा है। 25 मार्च से डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी मंदिर में नवरात्रि की शुरुआत होगी। इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए इसमें कई बदलाव किए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने किया तय
जिला पंचायत भवन में में प्रशासन, जनप्रतिनिधियों व मंदिर ट्रस्ट समिति की बैठक रखी गई। कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने बताया कि एहतियात के तौर पर मेला स्पेशल ट्रेनें भी रद्द करने के लिए पत्र लिखा जा चुका है। उन ट्रेनों के स्टॉपेज को भी रद्द किया जाएगा, जो नवरात्रि मेले के लिए डोंगरगढ़ स्टेशन में रुकती थीं। बिलासपुर से लेकर नागपुर मंडल के सभी स्टेशनों में इसे लेकर मुनादी कराई जाएगी। रोप-वे का संचालन भी बंद किया जा चुका है। नवरात्र के दौरान भी रोप नहीं चलाया जाएगा। जिले के सभी मंदिरों में भंडारे का आयोजन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। जगराता, सेवा सहित सामूहिक तौर पर होने वाले सभी धार्मिक आयोजनों को फिलहाल टाल दिया गया है।
मेडिकल टीमें तैनात
पर्व के दौरान रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड से लेकर मंदिर तक जगह-जगह मेडिकल टीम मौजूद रहेगी। डॉक्टर की कमी को देखते हुए इन जगहों पर आरएमओ की ड्यूटी लगाई जाएगी। लगातार श्रद्धालुओं की जांच होती रहेगी। सभी के लिए मंदिर पहुंचने एक ही रास्ता रहेगा। चाहे वो डोंगरगढ़ के ही निवासी क्यों न हों। कोरोना संक्रमण के खतरे ने शादियों पर भी लगाम कस दी है। कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि जिले में शादी के लिए भी फिलहाल एसडीएम से परमिशन लेना होगा। ऐसा बड़ी संख्या में जुटने वाले लोगों और इससे होने वाले संक्रमण के खतरे को लेकर किया जा रहा है।